गृह निर्माण /शुभ मुहूर्त :यह समय कालचक्र से बंधा हुआ है ।किसी भी कार्य सिद्धि के लिए समय और स्थान का बहुत महत्व होता है ।शुभ समय में अच्छा या बुरा काम अपने आप में फलित हो जाता है ।और बात जब गृहनिर्माण की हो तो समय का महत्त्व और भी बढ़ जाता है ।यह सन्सार सब के लिए बना हुआ है ।जैसे हवा और पानी किसी से भेद नहीं करता वैसे ही भूमि भी किसी से भेद नहीं करती ।चार दिशा ,चार
वर्ण ,चार जाती किसी मनुष्य की नहीं बल्कि उन राशियों की है जो विभिन्न संज्ञा भेद लिए हुए है जन्मानुसार मनुष्य में फलित होती आई है ।अतः राशियों के वर्णानुसार भूमि का चयन और विन्यास किया जाना चाहिए ।
ब्राम्हण राशि -पूर्वमुखी ।
वैश्य राशि -दक्षिणमुख
क्षत्रिय राशि -उत्तर मुख ।
शूद्र राशि -पश्चिम मुख ।
शुभमास :- गृहनिर्माण के लिए शुभ मास फाल्गुन,वैशाख ,माघ ,श्रावण ,कार्तिक ,मास शुभ माना जाता है ।
गृहारम्भ तिथि :-२,३,४,५,६,७,१०,११`,१२,१३,१५, तिथि शुभ माना जाता है ।
नक्षत्र :-पुष्य ,अनुराधा ,हस्त ,चित्रा ,घनिष्ठा ,शतभिषा ,रेवती ,मृगशिरा ,स्वाति ,शुभ नक्षत्र माने जाते है ।
शुभ दिन :-रविवार और मंगलवार छोड़ कर सभी दिन खुदाई के लिए शुभ माने जाते है ।
मुख्य घर पौष मास में नहीं बनाना चाहिए ।
शिलाविन्यास :-श्रावण ,अश्विन ,पुष्य ,हस्त ,मृगशिरा ,नक्षत्रो में शुभ माना जाता है ।
सिंह ,कन्या ,एवं तुला के सूर्य में -आग्नेय से नीव खोदे ।
वृश्चिक ,धनु और मीन के सूर्य में -ईशान कोण से।
कुम्भ,मकर और मेष सूर्य में -वायव्य दिशा से।
वृषभ ,मिथुन और कर्क के सूर्य में -नैऋत्य से नीव खोदे ।
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